हमास ने ट्रम्प की गज़्ज़ा डील पर बेहद होशियारी से क़दम उठाते हुए ज़ायोनी दुश्मन के लिए उलझन पैदा कर दी है । हमास ने बयान जारी कर कहा है कि गज़्ज़ा में इस्राईली हमलों और फ़िलिस्तीनियों पर जारी नरसंहार को रोकने के लिए उसने ट्रम्प के शांति प्रस्ताव पर ज़िम्मेदार रुख़ अपनाया है। बयान में कहा गया कि आंदोलन ने अरब, इस्लामी और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों से सलाह के बाद अपना जवाब पेश किया है।
हमास ने कहा कि वह सभी पक्षों, विशेष रूप से अरब और इस्लामी देशों और ट्रम्प के प्रयासों की सराहना करता है जो गज़्ज़ा पर हमले रोकने, क़ैदियों की अदला-बदली और मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए किए जा रहे हैं। संगठन ने ट्रम्प की योजना के तहत “सभी क़ैदियों — ज़िंदा या शहीद — की रिहाई” पर सहमति जताई है और तुरंत बातचीत शुरू करने की तैयारी दिखाई है।
बयान में हमास ने कहा कि हम गज़्ज़ा का प्रशासन एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी तकनीकी परिषद को सौंपने पर वह तैयार है, बशर्ते यह कदम राष्ट्रीय सहमति और अरब-इस्लामी समर्थन से उठाया जाए।
हमास के जवाब के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने नेतन्याहू से तुरंत गज़्ज़ा पर बमबारी रोकने की अपील की और कहा कि “हमास स्थायी शांति के लिए तैयार है।” उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा — “इस्राईल को अब युद्ध बंद करना चाहिए ताकि बंधकों को सुरक्षित निकाला जा सके। हालात बेहद नाज़ुक हैं।”
ट्रम्प का यह बयान कुछ घंटे पहले दिए गए उनके अल्टीमेटम के बिल्कुल विपरीत था, जिसमें उन्होंने धमकी दी थी कि अगर रविवार शाम तक योजना स्वीकार नहीं की गई तो “गज़्ज़ा के लिए नर्क के दरवाज़े खोल दिए जाएंगे।”
हालांकि हमास की सहमति के बावजूद ज़ायोनी प्रधानमंत्री नेतन्याहू और उनकी अतिवादी कैबिनेट पर भारी दबाव बन गया है। विश्लेषकों के मुताबिक, अगर युद्ध रुका तो 7 अक्टूबर की घटनाओं और नेतन्याहू की ज़िम्मेदारी पर जांच शुरू होगी। इस्राईली मंत्रियों इत्मार बिन ग्वीर और स्मोतरीच ने ट्रम्प की योजना का विरोध करते हुए कहा है कि यह “फ़िलिस्तीनियों के ज़बरन विस्थापन में बाधा” बनेगी।
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